इस भोली मुस्कान मे,मुझे तेरी वो मुस्कान याद आती है--मेरा छिपना और तेरा मुझे ढूंढ़ना,वो प्यारे
लम्हे याद आ जाते है--जो बीत गया वो भूलना आसान नहीं मेरे लिए,कि पल पल तुझे बाहों मे झुलाना
यादो का सैलाब बन के याद आ जाता है--मै जब नहीं रहू गी तब भी साथ अपने, तेरी तमाम यादो को ले
जाऊ गी---तब तू मेरा होगा,यही सोच कर रूह को सकून से तर कर पाऊ गी---जनम कभी नहीं लेना
फिर इस दुनिया मे,कि यहाँ जुदा होने के बाद जीना दुश्वार हो जाता है---
लम्हे याद आ जाते है--जो बीत गया वो भूलना आसान नहीं मेरे लिए,कि पल पल तुझे बाहों मे झुलाना
यादो का सैलाब बन के याद आ जाता है--मै जब नहीं रहू गी तब भी साथ अपने, तेरी तमाम यादो को ले
जाऊ गी---तब तू मेरा होगा,यही सोच कर रूह को सकून से तर कर पाऊ गी---जनम कभी नहीं लेना
फिर इस दुनिया मे,कि यहाँ जुदा होने के बाद जीना दुश्वार हो जाता है---