Thursday, 19 November 2015

लबो पे लेते लेते तेरा नाम,बदनाम हो चुके है हम---चाहते चाहते तेरी चाहत के नाम,

खतो को लिखते लिखते बेनाम हो चुके है हम----मत कहना कि बेवफाई की है हम ने

तेरे नाम के साथ--इन चूडियो की खनक मे लिख चुके है तेरे पयार का पैगाम---रातो की

नीॅद उडा दी तेरे कातिलाना अनदाज ने,खुद को तुझ से जोड कर यह जिनदगी कर चुके

है तेरे नाम------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...