Wednesday 24 April 2019

पलट कर देख जरा,सदियों से तेरे दीवाने है--सांसे इतनी भी नहीं ली होगी तूने,जितनी बार नज़र तेरी

उतारी है मैंने--माना कि आईना भी तेरी सूरत को देख जला करता है,एक है यह मेरी कशिश जो ठंडी

आहे भरा करती है--लुट चुके है तेरे प्यार मे इस कदर,कि भीगे बारिश मे तो भी तड़प का अहसास होता

है---सदियों से तेरे आशिक है,मगर पलट कर तूने एक बार भी मुझे देखा ही नहीं---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...