Saturday 20 April 2019

दबे पाँव फिर आज.. तेरी मुहब्बत ने इस दिल पे दस्तक दी है--हम सोचते रहे तुझे भूलने मे

कामयाब हो गए है,दर्दे-दिल से निकलने मे बहुत आगे आ गए है--हर याद तेरी को किसी कोने

मे दफ़न कर चुके है--बहा सैलाब जो इन आँखों से आज,दामन मेरे को भिगो भिगो गया--भूल

जाना तुझे आसान नहीं,उन यादो से भागना भी मुमकिन ही नहीं--यक़ीनन तेरी मुहब्बत ने

दस्तक फिर दी है आज---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...