दबे पाँव फिर आज.. तेरी मुहब्बत ने इस दिल पे दस्तक दी है--हम सोचते रहे तुझे भूलने मे
कामयाब हो गए है,दर्दे-दिल से निकलने मे बहुत आगे आ गए है--हर याद तेरी को किसी कोने
मे दफ़न कर चुके है--बहा सैलाब जो इन आँखों से आज,दामन मेरे को भिगो भिगो गया--भूल
जाना तुझे आसान नहीं,उन यादो से भागना भी मुमकिन ही नहीं--यक़ीनन तेरी मुहब्बत ने
दस्तक फिर दी है आज---
कामयाब हो गए है,दर्दे-दिल से निकलने मे बहुत आगे आ गए है--हर याद तेरी को किसी कोने
मे दफ़न कर चुके है--बहा सैलाब जो इन आँखों से आज,दामन मेरे को भिगो भिगो गया--भूल
जाना तुझे आसान नहीं,उन यादो से भागना भी मुमकिन ही नहीं--यक़ीनन तेरी मुहब्बत ने
दस्तक फिर दी है आज---