ना छेड़ तार मेरे दिल के,मेरी मुहब्बत का गुलाम हो जाए गा---ना कर गुमान अपनी पहचान पे,मेरे
मोहपाश मे बंध कर तू खुद को ही भूल जाए गा---लौटना मुमकिन नहीं पास तेरे ----यह कहना तेरा
बेकार है----कुछ इबादत मेरी,कुछ चाहत मेरी .. पलकों की चिलमन मे यह आंखे भरी हुई मुहब्बत
मे तेरी----शायद काफी है तुझे पास मेरे लौट आने के लिए---फिर ना कहना कभी कि लौटना अब
मुमकिन नहीं-----
मोहपाश मे बंध कर तू खुद को ही भूल जाए गा---लौटना मुमकिन नहीं पास तेरे ----यह कहना तेरा
बेकार है----कुछ इबादत मेरी,कुछ चाहत मेरी .. पलकों की चिलमन मे यह आंखे भरी हुई मुहब्बत
मे तेरी----शायद काफी है तुझे पास मेरे लौट आने के लिए---फिर ना कहना कभी कि लौटना अब
मुमकिन नहीं-----