कभी दर्द तो कभी तन्हाई है,फिर क्यों यह ज़िन्दगी बेवजह मुस्कुराई है---आंसू लिए आँखों मे,ज़िन्दगी
की यह शाम ख़ुशी से क्यों हँस पाई है----लम्हा लम्हा कतरा कतरा चुन रहे है फूल इन वादियो से,कौन
जाने कब कही वो लौट आये ---मन्नतो मे किन्ही खास दुआओ मे,हर बदलते हालात के किनारो मे वो
रात कभी तो आए गी जिस के लिए यही ज़िन्दगी बार बार मुस्कुराई है----
की यह शाम ख़ुशी से क्यों हँस पाई है----लम्हा लम्हा कतरा कतरा चुन रहे है फूल इन वादियो से,कौन
जाने कब कही वो लौट आये ---मन्नतो मे किन्ही खास दुआओ मे,हर बदलते हालात के किनारो मे वो
रात कभी तो आए गी जिस के लिए यही ज़िन्दगी बार बार मुस्कुराई है----