कभी तो इस ज़मी पे उतर अपने शाही रसूख से परे---कभी तो देख इस दुनिया को अपनी रंगीन दुनिया
से परे---रवायत है इस दुनिया की कभी तो हम से मिलने आ जाओ---न बनो हम जैसे,पर सूरत अपनी
तो दिखाने आ जाओ----गरूर किस बात का है जानम,नकाब मे ही सही पर कभी तो खिंचे चले आओ---
नज़र कोई बुरी जो डाले गा तुम पर,वक़्ती तौर पे तुम को सँभालने आए गे--कभी तो आओ हमारी दुनिया
मे अपनी शोख अदाओ से परे----
से परे---रवायत है इस दुनिया की कभी तो हम से मिलने आ जाओ---न बनो हम जैसे,पर सूरत अपनी
तो दिखाने आ जाओ----गरूर किस बात का है जानम,नकाब मे ही सही पर कभी तो खिंचे चले आओ---
नज़र कोई बुरी जो डाले गा तुम पर,वक़्ती तौर पे तुम को सँभालने आए गे--कभी तो आओ हमारी दुनिया
मे अपनी शोख अदाओ से परे----