खवाब तो टूटते रहे,बिखरते रहे---पर तुझे याद करना नही भूले---जिललते जमाने की
सही,फिर भी तुझे सलाम करना नही भूले---हजारो हसरतो को सीने मे दबाए,बेचैन होते
रहे-पर तेरी मुहबबत को आबाद करना फिर भी नही भूले----आज तुम नूर हो किसी और
की दुनिया का,पर अपनी नीॅदे आज भी उडा देना--नही भूले-नही भूले----
सही,फिर भी तुझे सलाम करना नही भूले---हजारो हसरतो को सीने मे दबाए,बेचैन होते
रहे-पर तेरी मुहबबत को आबाद करना फिर भी नही भूले----आज तुम नूर हो किसी और
की दुनिया का,पर अपनी नीॅदे आज भी उडा देना--नही भूले-नही भूले----