बॅधन तो नही,पर साथ हू तेरे---बात कुछ भी तो नही,पर हर खामोशी मे गुफतगू होती
है तुझी से----वफा तूने कभी की ही नही,पर बेवफाई मैने तुझ से की नही कभी---दौलत
की दीवारे सदा साथ रही तेरे,पर मेरे पास खुले आसमाॅ से जयादा और कुछ भी नही----
साॅसे दी तुझे हर पल मैने,पर साथ मेरे चलने के लिए तेरे पास मुहबबत ही नही----
है तुझी से----वफा तूने कभी की ही नही,पर बेवफाई मैने तुझ से की नही कभी---दौलत
की दीवारे सदा साथ रही तेरे,पर मेरे पास खुले आसमाॅ से जयादा और कुछ भी नही----
साॅसे दी तुझे हर पल मैने,पर साथ मेरे चलने के लिए तेरे पास मुहबबत ही नही----