Wednesday 2 December 2015

कह दीजिए ना अब-कि पयार करते है मुझ से---बोल भी दीजिए कि खामोशी मे भी,बाते

करते है मुझ से---लबो को सी लेने से,मुहबबत वीरान नही होती---आॅखो को बॅद करने

से,मेरी सूरत भूली नही जाती---अब तो आ जाईए,पहलू मे मेरे---यह जिनदगी तो दो

पल की है,तुम तो बस मेरी हो------अब तो कह दीजिए ना मुझ से------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...