बरस रहा है यह बदरा,मेरी आॅखो की तरह--तू पलट कर देख तो,किसी दुआ की तरह---
मनिजले-शाख कभी कभी मिलती है---यह रौशन सी शमा भी कभी कभी जलती है---
ना बदल इरादो को इस मौसम की तरह---कि इनतजाऱ मे बिछी है यह बाहे,किसी
खूबसूरत मॅजऱ की तरह------
मनिजले-शाख कभी कभी मिलती है---यह रौशन सी शमा भी कभी कभी जलती है---
ना बदल इरादो को इस मौसम की तरह---कि इनतजाऱ मे बिछी है यह बाहे,किसी
खूबसूरत मॅजऱ की तरह------