Thursday 13 August 2015

तेरी हर आहट पे चौक जाते है कयो---बरसो बीते तुमहे रूखसत हुुए,फिर भी याद आ

जाते हो कयो----फासले इतने है कि कभी कम ना हो पाए गे,फिर भी तुम से मिलना

चाहते है कयो----बदल गई है दुनिया मेरी,बदल चुकी होगी सूऱत ही तेरी--फिर भी

मेरे खवाबो मे अकसर चले आते हो कयो---आखिर कयो----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...