Friday 23 November 2018

पर्दानशीं कह कर ना पुकारा कीजिये हमे ..इन्ही परदे के झरोखो से ही हम आप को निहारा करते है...

जज्बात कही रूबरू ना हो,इसी डर से खुद को इसी परदे मे छुपाया करते है...दुनिया कोई इलज़ाम ना

हम को दे दे,दुनिया कोई फरमान ना आप को सुना दे...अपनी लाज निभाने के लिए इसी परदे को

हमराज़ बनाया करते है...अब ना कहिए हम को आप पर्दानशीं...परदे को अपना हमदर्द समझ इस को

आदाब बजाया कीजिये...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...