Saturday 27 June 2015

दिखाए ऐसे खवाब तुम ने कयू हम को,जिन की कोई ताबीर ना थी----हम ने सजा डाली

हजाऱो खवाहिशे अपनी,शोखियो से सजाया रॅगीन सफऱ अपना--आज अनदाज तुमहारे

है कयू बदले बदले,कहने के लिए इतना है काफी--------अपनी राहो से हटाने के लिए

ना बेरूखी अपनाईए,तेरी जिनदगी से दूर बहुत दूर निकल जाए गे--मगरूर अभी है

इतने----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...