इस जहान से आगे इक जहान और भी है-फिर मिले गे कभी यह गुमान आज भी है--
दऱद मिले है तुम से इतने कि मुहबबत के नाम से दिल मे कडवाहट आज भी है--हो सके
तो खुद के गुनाहो को खुदा से बऱी करवा लेना--कही भटक ना जाओ जनमो के लिए
इतनी इनसानियत तो दिखा देना----हिदायत देते है तुमहे फिर से इतनी,नाम मुहबबत
का अब बदनाम ना करना--इस जहान से आगे इक जहान और भी है-------
दऱद मिले है तुम से इतने कि मुहबबत के नाम से दिल मे कडवाहट आज भी है--हो सके
तो खुद के गुनाहो को खुदा से बऱी करवा लेना--कही भटक ना जाओ जनमो के लिए
इतनी इनसानियत तो दिखा देना----हिदायत देते है तुमहे फिर से इतनी,नाम मुहबबत
का अब बदनाम ना करना--इस जहान से आगे इक जहान और भी है-------