बेवजह मुसकुराने की वजह ना बताए गे तुमहे--यह ऱाजे दिल के जजबात है ना बताए
गे तुमहे---फुरसत के लमहो मे तुम पास बैठो तो सही--जो टूट टूट कर बिखऱ गए उन
सपनो का जिकरे-हाल ना बताए गे तुमहे----मिलते है जब कभी तुम से-उन गुफतगू के
लमहो को सीने मे छिपाए रखते है हम--पर जिन दिनो के बेइनतहाॅ दरद से गुजरे है हम
उन का हाल कभी ना बताए गे तुमहे-----
गे तुमहे---फुरसत के लमहो मे तुम पास बैठो तो सही--जो टूट टूट कर बिखऱ गए उन
सपनो का जिकरे-हाल ना बताए गे तुमहे----मिलते है जब कभी तुम से-उन गुफतगू के
लमहो को सीने मे छिपाए रखते है हम--पर जिन दिनो के बेइनतहाॅ दरद से गुजरे है हम
उन का हाल कभी ना बताए गे तुमहे-----