बिखरते है जब जजबात-एक कहानी जनम लेती है----टूटते है जब उसूल रिशते बदल
जाते है----ना तब खवाब रह पाते है साथ--ना कोई उममीद लौ दे पाती है---पर साथ हो
जब दुआओ का--कदमो मे अहसास हो जब सजदो का-----तो यही जिनदगी खूबसूरत
सी फिजा नजऱ आती है--------
जाते है----ना तब खवाब रह पाते है साथ--ना कोई उममीद लौ दे पाती है---पर साथ हो
जब दुआओ का--कदमो मे अहसास हो जब सजदो का-----तो यही जिनदगी खूबसूरत
सी फिजा नजऱ आती है--------