Wednesday, 31 December 2014

वो ही दिन वही सुबह..मौसम का मिजाज भी कुछ वैसा ही है...वो दिन भी तुमहारा था..

यह आज भी तुमहारा है..आते रहे गे साल दर साल...रिशतो का नाम वही होगा...ना

बदले है ना बदले गे कभी..यादो को फिर ताजा करे गे..हमेेशा यह आते जाते साल...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...