मुददत बाद उस का मिलना,हमे दीवाना कर गया..वो हलकी सी खलिश तेरे पयार की,
वो मुहबबत का जनून मेरे हिसाब का..कया कहे..सब बेजुबान कर गया..कहने को बहुत
कुछ था,पर निगाहे-इशक ने सब कमाल कर दिया...वो पहलू मे बैठे थे हमारे,पर हम....
खुद के सितम से जखमे-बेहाल हो गए....
वो मुहबबत का जनून मेरे हिसाब का..कया कहे..सब बेजुबान कर गया..कहने को बहुत
कुछ था,पर निगाहे-इशक ने सब कमाल कर दिया...वो पहलू मे बैठे थे हमारे,पर हम....
खुद के सितम से जखमे-बेहाल हो गए....