Wednesday 24 December 2014

गुजर रहे थे फूलो के बगीचे से..खुशबू ने तुमहारी यादो को दोहरा दिया...काॅटा जो चुभा

हाथो मे,तेरी बेवफाई ने रूला दिया...फूूलो और काॅटो के इस एहसास ने जीने का मकसद

समझा दिया..आॅसूओ के इस सैलाब ने,जितना तोडा हमे...उतना ही मजबूत बना दिया.

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...