Monday 10 September 2018

मुलाकात ना कर मगर इकरार तो कर...मिलने का वादा ना सही मगर हसरतो को आबाद तो कर...

बेशक हंसी अपने लबों पे ना ला,मगर इक मीठी मुस्कान का आगाज़ तो कर...झरनो की तरह वो

आवाज़ ना कर,कभी बारिश की बूंदो की तरह बरसात तो कर...बेशक दिल के पन्ने पे मेरा नाम ना

लिख,कभी भूले से मुझे मेरे नाम का कोई इंतज़ार तो कर...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...