पलके ना गिरा..आॅखे ना झुका...हाथो को दुपटटे मे ना छिपा....धडकने दिल की
सॅभालने के लिए,बॅद दरवाजो मे ना जा...ऐ नूरेेे-जहाॅ मेरी..बस अब तडप के मेरी बाहो
मे आ...मिलन की घडिया अब रह गई थोडी,मेेरी पाक मुहबबत को आजमायश की
परतो मे ना जला...महजबीॅॅ मेरी..दुलहन के लिबास मे सजनेे के लिए खुद को मेरी
पनाहो मे ले आ...
सॅभालने के लिए,बॅद दरवाजो मे ना जा...ऐ नूरेेे-जहाॅ मेरी..बस अब तडप के मेरी बाहो
मे आ...मिलन की घडिया अब रह गई थोडी,मेेरी पाक मुहबबत को आजमायश की
परतो मे ना जला...महजबीॅॅ मेरी..दुलहन के लिबास मे सजनेे के लिए खुद को मेरी
पनाहो मे ले आ...