महजबीॅॅ होने के लिए..तेरे साथ तेरा होने के लिए...जरूरी तो नही कि रब से तुझे माॅगा
जाए---शिकवो का दौर चलाने के लिए..तेरे इॅतजाऱ मे रात भर जगने के लिए...जरूरी
तो नही कि सात फेरो का साथ माॅगा जाए---तुझे हर पल देेखने के लिए..रूखसती के
खयाल सेे जब दम घुटने लगेे..आॅखे बार बार भरने लगे...तो भी यह जरूरी तो नही कि
तुझ सेे तुझी को ही माॅॅग लिया जाए---
जाए---शिकवो का दौर चलाने के लिए..तेरे इॅतजाऱ मे रात भर जगने के लिए...जरूरी
तो नही कि सात फेरो का साथ माॅगा जाए---तुझे हर पल देेखने के लिए..रूखसती के
खयाल सेे जब दम घुटने लगेे..आॅखे बार बार भरने लगे...तो भी यह जरूरी तो नही कि
तुझ सेे तुझी को ही माॅॅग लिया जाए---