बहुत दूर चलने के बाद,यह ख्याल आया क़ि राहे-इश्क मे कही किसी की मुहब्बत को छोड़ आये है...
अपने पीछे जो देखे निशा किसी के कदमो के,खुद के हसीं होने का गुमान हो आया...लौट सकते नहीं
राहे-इश्क मे अब पीछे,बस किसी के कदमो के आगे होने का अहसास साथ साथ हो आया..पर्दानशी
इंतज़ार करे गे ताउम्र तेरा,इबादत मे रखे गे खुदा के बाद बस नाम तेरा..इन लफ़्ज़ों की याद मे फिर
से यही ख्याल आया,कोई है आज भी जिस के लिए यह सारी दुनिया छोड़ आये है...
अपने पीछे जो देखे निशा किसी के कदमो के,खुद के हसीं होने का गुमान हो आया...लौट सकते नहीं
राहे-इश्क मे अब पीछे,बस किसी के कदमो के आगे होने का अहसास साथ साथ हो आया..पर्दानशी
इंतज़ार करे गे ताउम्र तेरा,इबादत मे रखे गे खुदा के बाद बस नाम तेरा..इन लफ़्ज़ों की याद मे फिर
से यही ख्याल आया,कोई है आज भी जिस के लिए यह सारी दुनिया छोड़ आये है...