Sunday 27 July 2014

पैसा है,रूतबा है..तो यह दुनिया सलाम करती है..उन की खाामियो को नजरअनदाज

करती है..कितने इनसान है इस धरती पे,जो पैसो मे बिक जाते है..जान कर बुराई को

हवा देते है..हाॅॅ..पर अभी भी कुछ लोग ऐसे मिल जाए गे,जो उसूलो से जुुडे हैै,और

ईमान के रिशते से बधे पैैसो से ना खरीदे जाए गे.दोसतो जाने का रासता एक ही है,

देर सवेर सब वही चले जाए गे,रूतबा पैसा यही छोड जाए गे.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...