Thursday 24 July 2014

फिर आई है एक नई सुबह..यह बताने के लिए..

पूरा आसमाॅ अपना हैै..पॅख अपने फैलाने के लिए..

धूप भी आ जाए गी..यह समझाने केेे लिेए..

डरना नही अधॅेेऱो से,मै रोज आऊ गी..उजाला देने के लिए..

           

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...