Sunday, 20 July 2014

जीने के लिए कया दौलत काफी है ..जीने के लिए कया शोहरत काफी है..

सवााल ही सवाल उठतेे है,इस जीवन को जीने के लिए...

पर कभी कोई जाना कि जीने के लिए...ईमान भरी सचची मुहबबत ही...

   काफी है......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...