दोस्तों...ज़िन्दगी सुख-दुःख का संगम है..दुनिया का कोई भी इंसान ऐसा नहीं होगा जिस को कोई दुःख दर्द न हो...हर इंसान दुसरो को देख कर अक्सर यह सोचता है यह कितना खुश है,सुखी है--काश मेरा जीवन भी ऐसा होता--कदापि नहीं---जो इंसान आप को हमेशा खुशहाल नज़र आता है,उस ने सही मायने मे अपने दुखो के साथ जीना सीख़ लिया होता है--दोस्तों,अपनी परेशानियों,तकलीफो और तमाम दुखो के साथ जीने की एक आदत बना लीजिये--आप के हिस्से मे जितने सुख,ख़ुशी है,उसी मे सन्तुष्ट रहना सीख़ लीजिये---सुबह उठ कर ईश्वर को धन्यवाद जरूर दे,आप के पास बहुत कुछ ऐसा है जो दुसरो के पास नहीं है---यह ज़िन्दगी सब को सब कुछ नहीं देती,पर जो भी देती है उसी मे शांति से जीना ही ज़िन्दगी है---खुद को पूर्णतया ईश्वर को समर्पित कर दे,उन की मर्ज़ी के बिना कुछ भी नहीं हो सकता----बस खुश रहना सीखे---नई सुबह आप सब के लिए मंगलमय हो...शुभ प्रभात दोस्तों---
Friday, 17 February 2017
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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बैठे है खुले आसमाँ के नीचे,मगर क्यों है बेहद ख़ामोशी यहाँ...कलम कह रही है क्यों ना लिखे ख़ामोशी की दास्तां यहाँ...आज है ख़ामोशी खामोश यहाँ औ...